Farmers Children Education Free : प्रदेश के किसानों और श्रमिकों के लिए बड़ी खुशखबरी है. राज्य के राजकीय शिक्षण संस्थानों में 1 जुलाई से मुख्यमंत्री किसान शिक्षा प्रोत्साहन योजना को लागू किया जाएगा. इस योजना के तहत वंचित वर्गों के बच्चों को एलकेजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा दी जाएगी।
यह योजना 1 जुलाई से लागू की जाएगी. राज्य सरकार द्वारा इस योजना में अल्प आय वर्ग, लघुसीमांत/ बटाईदार किसानों और खेतिहर श्रमिकों के परिवार के छात्र-छात्राओं को एलकेजी से पीजी तक नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करने की घोषणा की गई है.
मुख्यमंत्री किसान शिक्षा प्रोत्साहन योजना का मुख्य उद्देश्य
बटाईदार किसान, अल्प आय वर्ग, लघु सीमांत किसान और खेती किसान एवं श्रमिक किसानों के बच्चों को केजी से लेकर पीजी (पोस्ट ग्रेजुएशन) तक मुफ्त शिक्षा प्रदान करना।
गरीब किसान के बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना।
योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब किसानों के बच्चों को उच्च शिक्षा देकर शिक्षित करना।
आवश्यक दस्तावेज
आवेदक का आधार कार्ड
माता-पिता की आय प्रमाण पत्र
मूल निवास प्रमाण पत्र
मोबाइल नंबर
खेती के कागज
वोटर आईडी कार्ड
नरेगा, जॉब कार्ड
उज्वला योजना में चयनित
राज्य सरकार में अन्य योजना में पंजीकृत
उस गांव या क्षेत्र का राशन कार्ड
मुख्यमंत्री किसान शिक्षा प्रोत्साहन योजना की पात्रता
इस योजना का लाभ उन माता-पिता के बच्चों को दिया जाएगा जो राजस्थान के मूल (स्थाई) निवासी हैं। इस योजना का लाभ अल्प आय वर्ग, लघु सीमांत, बटाईदार किसानों एवं खेतिहर श्रमिकों के परिवार के बच्चों को दिया जाएगा।
अल्प आय वर्ग: जिन अभिभावकों की वार्षिक पारिवारिक आय 2.50 लाख रुपये या इससे कम है, उनके बच्चों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
लघु, सीमांत किसान: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा निर्धारित की गई है। इसकी विस्तृत जानकारी आधिकारिक अधिसूचना में देख सकते है।
बटाईदार किसान: वे किसान जिनके पास खुद की भूमि नहीं होती, वे दूसरों की जमीन पर खेती करते हैं और इसके बदले में फसल का कुछ हिस्सा जमीन के मालिक को देते हैं।
खेतिहर श्रमिक, भूमिहीन, कृषि मजदूर: खेतिहर श्रमिक, भूमिहीन और कृषि मजदूर वे व्यक्ति होते हैं जिनके पास अपनी खुद की कृषि भूमि नहीं होती है। ये लोग किसानों की भूमि पर एक मजदूर या श्रमिक के रूप में कार्य करते हैं।अथवा जिनके पास कृषि के लिए थोड़ी बहुत भूमि होती है लेकिन उन्हें अपने परिवार की आजीविका चलाने के लिए कृषि मजदूरी करनी पड़ती है।
बटाईदार किसान एवं खेतिहर श्रमिक: इसका मतलब है कि वे लोग जिनके पास निम्नलिखित दस्तावेज होते हैं जैसे – नरेगा, जॉब कार्ड, उज्ज्वला योजना में चयनित, राज्य सरकार में अन्य पंजीकृत योजना में चयनित, उस गांव का राशन कार्ड या राजस्थान का मूल निवास प्रमाण पत्र।
लघु, सीमांत, बटाईदार किसानों और खेतिहर श्रमिकों के बच्चों के अभिभावक की वार्षिक आय 2.50 लाख रुपए या इससे कम होनी चाहिए।
आवेदन प्रकिया
इस योजना का लाभ लेने के लिए आप किसी स्कूल या कॉलेज में प्रवेश लेते हैं, तब आपको फॉर्म भरते समय जो शपथ पत्र दिया जाएगा। उसको स्कूल या कॉलेज के प्रधानाचार्य के पास ऑफलाइन मोड पर जमा करवाएं। जिसके बाद आपकी प्रत्येक फीस माफ कर दी जाएगी। इस प्रकार गरीब किसानों के बच्चों की उच्च शिक्षा तक की पढ़ाई एकदम फ्री हो जाएगी।
मुख्यमंत्री किसान शिक्षा प्रोत्साहन योजना का नोटिफिकेशन यहाँ देखें : डाउनलोड करें